एक प्यारा सा फ़रिश्ता अकेले सो रहा है
थोडा उदास ,थोडा थका सा हुआ
नींद भरी आँखों में भी जगा सा हुआ
ए हवाओं थोडा मद्धम बहना
ए रात ! चांदनी को समेटे रहना
अँधेरे से वो डर न जाये
आंधियों से वो जग न जाये
अपनी बेबसी -ए -दूरी से मेरा दिल रो रहा है
क्योंकि मेरा फ़रिश्ता अकेले सो रहा है
थोडा उदास ,थोडा थका सा हुआ
नींद भरी आँखों में भी जगा सा हुआ
पता नहीं खाना खाया की नहीं
सर्दी में तन को ढकाया की नहीं
दिनभर की मुश्किलों को भुला पाया की नहीं
और ,नहीं देख सकता मैं ये जो भी हो रहा है
मेरा प्यारा फ़रिश्ता तो अकेले सो रहा है
थोडा उदास ,थोडा थका सा हुआ
नींद भरी आँखों में भी जगा सा हुआ
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