कुदरत ने जब भी कभी कोई मोती बनाया
तो उसे सीप का बंद कवच पहनाया
सीप गन्दी बदसूरत बदरंग और है बेकार
पर फिर भी मोती को है इससे सरोकार
चाहें तो आप कह सकते हैं इसको प्यार
या फिर चाहें तो कह दें एक चमत्कार
मोती को सबसे बचा के रखती है सीप
समुन्दर के खार मे पल-२ खपती है सीप
सीप को बदले मे कुछ भी नहीं चाहिए
उसे तो मोती के दिल मे बस एक एहसास चाहिए
मोती को समझना चाहिए सीप की कुर्बानी
मोती को अब और नहीं करनी चाहिए नादानी
ये तो सीप का बेशर्त सच्चा रूहानी प्यार है
तभी तो जब मोती को लेने आया कोई राजकुमार है
तो सीप को कोई शिकवा नहीं ,गिला नहीं है
उसने तो चुप चाप झेला छुरियों का वार है
शायद यही इस दुनिया का दस्तूर है
तभी तो लाखों सीप फैली चूर-२ हैं
सजीव चित्रण - सच्चा सन्देश - बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंलेखन अपने आप में ऐतिहासिक रचनात्मक कायर् है। आशा है कि आप इसे लगातार आगे बढाने को समपिर्त रहें। शानदार पेशकश।
जवाब देंहटाएंडॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित हिंदी पाक्षिक)एवं
राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
0141-2222225 (सायं 7 सम 8 बजे)
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