रविवार, 6 फ़रवरी 2011

एक सीप की किस्मत

कुदरत ने जब भी कभी कोई मोती बनाया
तो उसे सीप का बंद कवच पहनाया
सीप गन्दी बदसूरत बदरंग और है बेकार
पर फिर भी मोती को है इससे सरोकार
चाहें तो आप कह सकते हैं इसको प्यार
या फिर चाहें तो कह दें एक चमत्कार
मोती को सबसे बचा के रखती है सीप
समुन्दर के खार मे पल-२ खपती है सीप
सीप को बदले मे कुछ भी नहीं चाहिए
उसे तो मोती के दिल मे बस एक एहसास चाहिए
मोती को समझना चाहिए सीप की कुर्बानी
मोती को अब और नहीं करनी चाहिए नादानी
ये तो सीप का बेशर्त सच्चा रूहानी प्यार है
तभी तो जब मोती को लेने आया कोई राजकुमार है
तो सीप को कोई शिकवा नहीं ,गिला नहीं है
उसने तो चुप चाप झेला छुरियों का वार है
शायद यही इस दुनिया का दस्तूर है
तभी तो लाखों सीप फैली चूर-२ हैं

3 टिप्‍पणियां:

  1. सजीव चित्रण - सच्चा सन्देश - बहुत सुंदर

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  2. लेखन अपने आप में ऐतिहासिक रचनात्मक कायर् है। आशा है कि आप इसे लगातार आगे बढाने को समपिर्त रहें। शानदार पेशकश।

    डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
    सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित हिंदी पाक्षिक)एवं
    राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
    0141-2222225 (सायं 7 सम 8 बजे)
    098285-02666

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  3. हिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसका अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । धन्यवाद सहित...
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